पटना, 22 जुलाई 2024: बिहार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिससे उन्हें अब अपने अवकाश की स्वीकृति, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, बकाया वेतन और सेवांत लाभ जैसी प्रक्रियाओं के लिए अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
अपर सचिव-सह-निदेशक (प्रशासन) संजय कुमार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी आवेदनों का संधारण और पंजीकरण अब निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी आवेदन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में पंजीकृत किए जाएंगे और संबंधित जानकारी एक रजिस्टर में क्रमानुसार अंकित की जाएगी।
### प्रक्रिया की पारदर्शिता
निर्देश के अनुसार, प्रत्येक आवेदन का पंजीकरण क्रम संख्या, आवेदक का नाम, आवेदन की प्राप्ति तिथि और विषय सहित विस्तृत विवरण के साथ किया जाएगा। इसके बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय/जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय में अग्रसारित किया जाएगा, जहां आवेदनों का निष्पादन “फर्स्ट कम, फर्स्ट आउट” के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा।
### मनमानी पर रोक
यह भी स्पष्ट किया गया है कि आवेदनों के निष्पादन में किसी भी प्रकार की मनमानी और अनुचित विलंब पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निर्देश में यह भी कहा गया है कि किसी भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मी को सीधे जिला कार्यालय में अपने आवेदन लेकर जाने की आवश्यकता नहीं होगी, और किसी भी स्तर पर गलत मंशा से कार्य करने पर संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
### निष्कर्ष
इस कदम से शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को अब अवकाश की स्वीकृति और अन्य वित्तीय मामलों के लिए लंबी प्रक्रियाओं और अनावश्यक चक्करों से मुक्ति मिलेगी।