बिहार में स्कूली शिक्षा को लेकर बड़ा बदलाव तय है। 2026-27 सत्र से पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को नए पाठ्यक्रम से पढ़ाया जाएगा, जो बिहार पाठ्यचर्या रूपरेखा 2025 पर आधारित होगा। वहीं, राज्य के शिक्षा विभाग के दो प्रमुख संवर्ग – निम्न शिक्षा सेवा और अवर शिक्षा सेवा (प्राथमिक) – आने वाले वर्षों में समाप्त हो जाएंगे। इसके साथ ही बच्चों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करने की शुरुआत भी 1 मई से 30 स्कूलों में की जा रही है, जहां डिजिटल किताबों की व्यवस्था भी की गई है।
बिहार में शिक्षा को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं। 534 स्कूलों में बैंड टीम गठन, शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण, इंस्पायर अवार्ड में नवाचार को बढ़ावा, शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर और प्रशिक्षित वेतनमान पर हाईकोर्ट का फैसला जैसे कदम शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बना रहे हैं।
एनटीए ने नीट परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं, वहीं नवोदय नामांकन में फर्जी टीसी पर शिक्षा विभाग सख्त हुआ है। साथ ही शिक्षकों को वेतन और बकाया भुगतान की प्रक्रिया तेज हो गई है। दरभंगा में शिक्षक अपहरण कर जबरन शादी का मामला भी सामने आया है। पढ़िए शिक्षा जगत की बड़ी खबरें एक साथ।