राज्य में 1.30 लाख शिक्षकों का स्थानांतरण, 15 जून तक होगा विद्यालय आवंटन
पटना, राज्य ब्यूरो (deooffice.com): बिहार में शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण की बहुप्रतीक्षित प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। राज्य में कुल 1 लाख 30 हजार शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है। अब इन शिक्षकों को स्थानांतरित जिले में 15 जून 2025 तक विद्यालय आवंटित कर दिए जाएंगे। यह आवंटन पूर्णतः सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा ताकि पारदर्शिता और गोपनीयता बनी रहे।
23 से 30 जून तक देना होगा योगदान
शिक्षकों को 23 से 30 जून के बीच अपने नए विद्यालय में योगदान अनिवार्य रूप से करना होगा। इस अवधि में योगदान न करने की स्थिति में उन्हें स्वतः विरमित माना जाएगा। आवंटन प्रक्रिया जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) द्वारा की जाएगी और प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा अनुमोदित होगी।
विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया पारदर्शी
डीईओ के लॉगिन में शिक्षक का नाम या ID नहीं दिखेगा। केवल शिक्षक की कोटि, विषय, वर्ग और उनके द्वारा भरे गए पंचायत विकल्प प्रदर्शित होंगे। शिक्षक के 10 विकल्पों में रिक्ति न होने की स्थिति में, निकटतम पंचायत का विद्यालय आवंटित किया जाएगा। किसी भी आवेदन को स्किप करने की अनुमति नहीं होगी।
स्थानांतरण से असंतुष्ट शिक्षक क्या करें?
यदि कोई शिक्षक स्थानांतरण से असंतुष्ट है, तो वह विद्यालय में योगदान देने के बाद डीईओ के समक्ष आवेदन कर सकता है। ऐसे मामलों का निराकरण जिला स्थापना समिति द्वारा किया जाएगा। शिक्षक चाहें तो अपना आवेदन ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर वापस ले सकते हैं या नया आवेदन भी दे सकते हैं।
मध्याह्न भोजन योजना की जिम्मेदारी अब डीएम के अधीन
पटना, ब्यूरो: राज्य सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए संचालित मध्याह्न भोजन योजना की निगरानी एवं खाद्यान्न आपूर्ति की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी है। मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी डीएम को पत्र भेजकर कहा है कि डीएम प्राथमिकता के आधार पर समय से खाद्यान्न उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
अब एमडीएम योजना में अनियमितता की स्थिति में डीपीओ एमडीएम, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं साधनसेवी पर कार्रवाई होगी। पहले केवल प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक ही जिम्मेदार माने जाते थे।
विश्वविद्यालयों को 453 करोड़ का अनुदान, शिक्षकों को मिलेगा वेतन
पटना, राज्य ब्यूरो: बिहार के 13 पारंपरिक विश्वविद्यालयों को मार्च से मई माह तक की तीन महीने की अनुदान राशि – कुल 453.34 करोड़ रुपये – शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृति हेतु वित्त विभाग को भेज दी गई है। सहमति मिलते ही राशि जारी कर दी जाएगी।
इस राशि से विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों को वेतन और पेंशन का भुगतान किया जाएगा। अनुदान में विश्वविद्यालय विकास मद की राशि भी शामिल है। शामिल विश्वविद्यालयों में पटना, मगध, मिथिला, पाटलिपुत्र, बीआरए, वीकेएसयू, जेपीयू सहित कुल 13 विश्वविद्यालय शामिल हैं।
दूसरी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों का होगा मासिक मूल्यांकन
पटना, deooffice.com: राज्य के 71,634 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में दूसरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का हर महीने के अंतिम सप्ताह में मासिक मूल्यांकन किया जाएगा। प्रश्न पत्र ई-शिक्षाकोष पोर्टल से उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रत्येक दिन अधिकतम दो विषयों का मूल्यांकन किया जाएगा, जबकि अन्य विषयों की कक्षाएं यथावत चलेंगी। मूल्यांकन की पारदर्शिता बनाए रखने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और किसी भी अनियमितता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों को रिपोर्ट की जानकारी हर माह आयोजित बैठक में दी जाएगी।
बिहार चुनाव 2025 : मतदान केंद्रों पर मिलेंगी नई सुविधाएं, भीड़ होगी कम
पटना, ब्यूरो: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने कई बड़े बदलाव किए हैं। अब एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता होंगे, जबकि पहले यह संख्या 1500 थी। इससे भीड़ और अव्यवस्था में कमी आएगी।
बहुमंजिली इमारतों में बनेंगे सहायक मतदान केंद्र
शहरी इलाकों की बहुमंजिली इमारतों और कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। मतदान केंद्र पर मतदाता अपना मोबाइल जमा कर सकेंगे। इसके लिए बूथ के बाहर पिजन होल बॉक्स या जूट बैग की व्यवस्था होगी।
प्रचार पर रहेगा नियंत्रण
मतदान केंद्र से 100 मीटर के भीतर किसी भी प्रकार के प्रचार की अनुमति नहीं होगी। साथ ही वोटर पर्ची में अब क्रमांक संख्या और भाग संख्या स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होगी।
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