विद्यालय संचालन में लापरवाही पर छात्र और अभिभावकों ने डीईओ से की शिकायत, गुरुजी के सोने का वीडियो दिखाया
प्रतिनिधि, भभुआ नगर।
दुर्गावती प्रखंड के मधुरा विद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावक शुक्रवार को शिक्षा विभाग कार्यालय पहुंचे। उनका आरोप था कि विद्यालय में शिक्षिका मोबाइल पर लगी रहती हैं और शिक्षक कुर्सी पर बैठकर सोते रहते हैं। छात्रों ने डीईओ से कहा कि डीईओ अंकल, हम लोगों का भविष्य खतरे में है। हमें पढ़ाया नहीं जाता है।
छात्रों ने बताया कि जब शिक्षक से पढ़ाने को कहा जाता है, तो वे फटकारते हैं। शिक्षा विभाग कार्यालय पहुंचे अभिभावकों में विद्यालय शिक्षा समिति की अध्यक्ष संगीता देवी, अनीता देवी, पिंकी देवी समेत कई लोग शामिल थे।
डीईओ अक्षय पांडेय का बयान:
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि विद्यालय में शिक्षक के सोने का वीडियो प्राप्त हुआ है, जो आरोप को सही ठहरा रहा है। मामले पर कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी हो चुका है विवाद:
गौरतलब है कि इसी विद्यालय के प्रधानाध्यापिका और एक शिक्षक के बीच चप्पल-जूता चलने का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया था। इसके बावजूद विद्यालय की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
मैट्रिक परीक्षा का वीडियो वायरल, शिक्षिका निलंबित
पूर्णिया।
22 मार्च को आयोजित अंग्रेजी विषय की मैट्रिक परीक्षा के दौरान परीक्षा कक्ष का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें परीक्षा ड्यूटी में तैनात शिक्षिका रश्मि भारती को ड्यूटी में लापरवाही करते देखा गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीईओ ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की, जिसने शिक्षिका को दोषी पाया। इसके बाद शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उनका मुख्यालय बीईओ कार्यालय, पूर्णिया पूर्व तय किया गया है।
बिहार: प्रधान शिक्षक पद पर चयनित अभ्यर्थियों के जिला आवंटन पर उठे सवाल, शिक्षा विभाग ने दी सफाई
पटना।
शिक्षा विभाग ने प्रधान शिक्षक पद के चयनित अभ्यर्थियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उन्हें जो जिला आवंटित किया गया है, उसका अनिवार्य रूप से अनुपालन करें। विभाग ने कहा है कि चयनित अभ्यर्थियों को कोटिवार मेधा सूची के आधार पर ही जिला आवंटित किया गया है और 93 प्रतिशत अभ्यर्थियों को उनके द्वितीय एवं तृतीय विकल्प के अनुरूप ही जिला प्राप्त हुआ है।
विभाग ने बताया कि जिला आवंटन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रही है और किसी को कोटि के विपरीत जाकर कोई लाभ नहीं दिया गया है। अभ्यर्थियों को निर्देशित किया गया है कि आवंटित जिले में योगदान करें और कोई भ्रम न फैलाएं।
शिक्षा को लेकर केंद्र सरकार की बड़ी पहल, समग्र शिक्षा के लिए 8987 करोड़ की स्वीकृति
पटना।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने बिहार में समग्र शिक्षा अभियान को मजबूती देने के लिए कुल 8987 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। राज्य सरकार ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इसमें से पीएबी (प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड) की बैठक में 8987 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। बैठक एक अप्रैल को दिल्ली में आयोजित की गई थी।
मुख्य बातें:
- कुल स्वीकृत राशि: 8987 करोड़ रुपये
- भवन निर्माण, शौचालय, पेयजल आदि के लिए: 1050 करोड़ रुपये
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जैसे शिक्षक प्रशिक्षण, कंप्यूटर लैब, एफएलएन किट आदि के लिए: 2802 करोड़ रुपये
- केंद्र व राज्य सरकार का अंशदान अनुपात: 60:40
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने बताया कि यह राशि राज्य के शैक्षणिक आधारभूत ढांचे को सुधारने और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होगी।
बिहार बोर्ड: मैट्रिक और इंटर कंपार्टमेंटल परीक्षा 2025 के लिए आवेदन शुरू, जानें पूरी प्रक्रिया
बेगूसराय/बिहारशरीफ।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने वार्षिक परीक्षा 2025 में अनुपस्थित या अनुत्तीर्ण छात्रों के लिए विशेष परीक्षा और कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह आवेदन संबंधित विद्यालयों के माध्यम से ही किया जाएगा।
महत्वपूर्ण तिथियां और जानकारी:
- मैट्रिक परीक्षा आवेदन की अंतिम तिथि: 12 अप्रैल
- इंटरमीडिएट परीक्षा आवेदन की अंतिम तिथि: 8 अप्रैल
- आवेदन केवल विद्यालय के माध्यम से ही मान्य होंगे
- पूर्व में शुल्क जमा करने के बावजूद जिन विद्यार्थियों का आवेदन नहीं हो सका था, उन्हें भी मौका मिलेगा
- कंपार्टमेंटल परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं जो अधिकतम तीन विषयों में अनुत्तीर्ण हैं
- पात्र सत्र: 2022-23, 2023-24, 2024-25
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि छात्र-छात्राओं को समय पर आवेदन करना अनिवार्य है, इसके बाद कोई अवसर नहीं दिया जाएगा।