बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक के बाद एक कई अहम निर्णय लिए हैं। शिक्षकों के स्थानांतरण से लेकर छात्रों की पढ़ाई के लिए स्कूलों में उपस्थिति की सख्ती, शिक्षकों की जवाबदेही तय करने और प्रधानाध्यापकों की नियमित मॉनिटरिंग जैसे उपायों पर अमल शुरू हो चुका है। विभागीय निर्देशों के अनुसार अब जिले के डीईओ और डीपीओ को सीधे जवाबदेह बनाया गया है। साथ ही, अब बिना पढ़ाई वाले स्कूलों और अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह सारे कदम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और स्कूलों में अनुशासन लाने के उद्देश्य से लिए गए हैं।
सक्षमता पास महिला शिक्षकों का तबादला जल्द, पुरुष शिक्षकों की बारी बाद में
पटना (आशिप्र)। राज्य में दूरी के आधार पर सबसे पहले सक्षमता परीक्षा पास महिला शिक्षकों का इच्छित तबादला होगा। इसकी सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले जिला आवंटन होगा, उसके बाद स्कूल का आवंटन किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बात हर शनिवार’ कार्यक्रम में कहा कि सक्षमता परीक्षा पास महिला शिक्षकों के बाद पहली अध्यापक नियुक्ति परीक्षा के आधार पर नियुक्त महिला शिक्षकों का ऐच्छिक तबादला होगा। फिर दूसरी अध्यापक नियुक्ति परीक्षा के आधार पर नियुक्त महिला शिक्षकों का तबादला किया जाएगा।
डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि दूरी के आधार पर सक्षमता परीक्षा पास तथा बीपीएससी द्वारा अनुशंसित महिला शिक्षकों के बाद पुरुष शिक्षकों का ऐच्छिक तबादला किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ऐच्छिक स्थानांतरण के लिए 1.90 लाख शिक्षकों द्वारा आवेदन किया गया था। इन आवेदनों की समीक्षा कर उन्हें सात श्रेणियों में विभाजित किया गया। इनमें रुग्णता, दिव्यांगता, पारिवारिक स्थिति, पति-पत्नी की अलग-अलग पोस्टिंग, विधवा/परित्यक्ता तथा दूरी शामिल हैं। इनमें से छह श्रेणियों के शिक्षकों को इच्छित जिला आवंटित किया जा चुका है।
सिर्फ 650 ऐसे शिक्षक बचे हैं जिनका सर्विस रिकॉर्ड नहीं है। इन्हें रिकॉर्ड देने को कहा गया है ताकि उनका भी तबादला संभव हो सके।
डॉ. सिद्धार्थ ने यह भी स्पष्ट किया कि तबादले में जिला और स्कूल स्तर पर रिक्तियों और संतुलन का ध्यान रखा जा रहा है। जहां रिक्ति नहीं होगी, वहां शिक्षक को नजदीकी पंचायत में एडजस्ट किया जाएगा।
अब छात्रों की पढ़ाई पाठ सूची से तय, समय से पूरा होगा पाठ्यक्रम
भागलपुर (वरीय संवाददाता)। प्राथमिक और प्रारंभिक स्कूलों के विद्यार्थियों की पढ़ाई अब पाठ सूची के अनुसार संचालित होगी। इससे न केवल समय से पाठ्यक्रम पूरा होगा, बल्कि परीक्षा से पहले दोहराव का भी अवसर मिलेगा।
एससीईआरटी निदेशक सज्जन आर. ने सभी डीईओ और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजकर निर्देश दिया है। राज्य मुख्यालय को लगातार शिकायत मिल रही थी कि परीक्षा नियमित होती है, परंतु पाठ समय पर पूरा नहीं होता, जिससे छात्र अधूरी तैयारी में परीक्षा देते हैं।
निदेशक के अनुसार, अब स्कूलों में शिक्षकों को तय पाठ सूची के अनुसार सीमित समय में पढ़ाई पूरी करनी होगी। कक्षा 1 से 8 तक की पाठ्यपुस्तकों की सूची स्कूलों की दीवार और नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी। अप्रैल में सभी कक्षाओं के लिए रिवीजन कक्षा और माह के अंतिम सप्ताह में उसका मूल्यांकन किया जाएगा।
साथ ही जून तक का पाठ्यक्रम प्रथम त्रैमासिक परीक्षा से पहले पूर्ण कराना अनिवार्य होगा। यह पहल विशेषकर D और E ग्रेड के छात्रों की संख्या कम करने तथा A, B और C ग्रेड के छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए की जा रही है।
त्रैमासिक और अर्धवार्षिक परीक्षा की तिथि भी तय कर दी गई है – जून के अंत में पहली, सितंबर के अंत में दूसरी, दिसंबर के तीसरे सप्ताह में तीसरी, और मार्च 2026 के दूसरे या तीसरे सप्ताह में वार्षिक परीक्षा।
स्कूलों में छात्रों के ड्रेस कोड की नियमित मॉनिटरिंग का आदेश
भागलपुर (वरीय संवाददाता)। विद्यालयों में छात्रों द्वारा अलग-अलग रंग की पोशाक पहनकर आने की सूचना पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने संज्ञान लेते हुए निर्देश जारी किए हैं।
निर्देशों के अनुसार, कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को आसमानी नीली शर्ट और गहरे नीले पैंट पहनना अनिवार्य है। छात्राओं को आसमानी नीला समीज-शर्ट, गहरा नीला दुपट्टा और सलवार/स्कर्ट पहनना होगा। कक्षा 9 से 12 की छात्राओं को भी यही रंग संयोजन अपनाना होगा।
जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने सभी बीईओ को आदेश दिया है कि इस ड्रेस कोड का नियमित मॉनिटरिंग किया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि विद्यार्थी निर्धारित पोशाक में ही विद्यालय आएं।
विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति 7 अप्रैल से, पहले होगी कागजातों की जांच
मुजफ्फरपुर (प्रमुख संवाददाता)। विशिष्ट शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी कागजातों की जांच के बाद ही ऑनलाइन योगदान संभव होगा। सक्षमता I और II के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सात अप्रैल से प्रक्रिया शुरू होगी।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी प्रखंडों में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। शिक्षक अपने मूल योगदान पत्र को विद्यालय निरीक्षक या प्रधानाध्यापक से फारवर्ड करवाकर संबंधित प्रखंड के लेखा सहायक को देंगे।
डीपीओ और डीपीएम इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और प्रतिदिन रिपोर्ट सौंपेंगे। पूरे जिले में छह हजार से अधिक शिक्षकों का योगदान प्रस्तावित है।
अरबी सब्सिडियरी पढ़ने वाले भी शिक्षक नियुक्ति के योग्य
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय से सब्सिडियरी में अरबी विषय (प्रथम और द्वितीय वर्ष में 50-50 अंक) पढ़ने वाले अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति के पात्र होंगे। इसको लेकर उपनिदेशक ने विश्वविद्यालय से मंतव्य भी मांगा था।
राज्य के हाई स्कूलों और प्लस टू विद्यालयों में अरबी और फारसी विषयों के लिए पद सृजित किए गए हैं। अब इन विषयों को पढ़े अभ्यर्थियों को भी अवसर मिलेगा।
अब स्कूलों में सुबह 6.30 से दोपहर 12.20 बजे तक होगी पढ़ाई
पटना (संवाददाता)। अप्रैल से विद्यालयों में नई समय सारिणी लागू होगी। कक्षाओं का संचालन सुबह 6:30 से दोपहर 12:20 बजे तक होगा। कुल सात पीरियड होंगे और प्रत्येक कक्षा की अवधि 40 मिनट की होगी।
प्रारंभिक विद्यालयों के छात्र 9:00 से 9:40 के बीच मध्याह्न भोजन करेंगे। अंतिम घंटी 12:20 पर समाप्त होगी। इसके बाद प्रधानाध्यापक शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए विषय की समीक्षा करेंगे। कक्षा शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रतिदिन बच्चों को गृह कार्य मिले और उसकी समीक्षा भी हो।
बच्चों को अंकों से ज्यादा, नौकरी की चिंता
मुजफ्फरपुर (प्रमुख संवाददाता)। सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षा के बाद बच्चों में अब अंकों की तुलना में भविष्य की नौकरी को लेकर चिंता ज्यादा देखने को मिल रही है। काउंसिलिंग सेल में आ रहे 70% से अधिक कॉल कैरियर से संबंधित हैं।
सीबीएसई के नियुक्त काउंसलर डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि बच्चे अब रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रमों की जानकारी ले रहे हैं – खासकर ऐसे कोर्स जिन्हें कम समय में पूरा किया जा सके और स्थायी नौकरी मिल सके। पहले अधिकतर कॉल परीक्षा परिणाम को लेकर होते थे, लेकिन अब ट्रेंड बदल गया है।