नामांकन तिथि बढ़ने से स्कूलों में बच्चों की संख्या में वृद्धि, 22 दिनों में 6.46 लाख बच्चों का हुआ दाखिला
बिहार के 38 जिलों में स्थित लगभग 40 हजार प्राथमिक विद्यालयों में इस वर्ष नामांकन की प्रक्रिया ने नया रिकॉर्ड बनाया है। शिक्षा विभाग द्वारा 1 से 22 अप्रैल तक चले नामांकन पखवाड़े में कक्षा एक में कुल 6.46 लाख बच्चों का दाखिला हुआ है। इस बार नामांकन की तिथि सात दिन बढ़ाने का असर साफ दिखा। पहले चरण में 1 से 15 अप्रैल तक 3.57 लाख बच्चों ने स्कूलों में नामांकन कराया था, जबकि अगले सात दिनों यानी 16 से 22 अप्रैल के बीच 2.88 लाख अतिरिक्त बच्चों ने दाखिला लिया।
पश्चिम चंपारण में सबसे अधिक 45,461 बच्चों ने नामांकन कराया, जबकि अरवल जिले में सबसे कम 3,738 बच्चों का दाखिला हुआ। पटना में 37 हजार, भागलपुर में 19 हजार, और मुजफ्फरपुर में 41 हजार से अधिक बच्चों ने स्कूलों में प्रवेश लिया है।
सहायकों की सक्रिय भूमिका से सफल हुआ नामांकन अभियान
बिहार सरकार द्वारा नामांकन को सफल बनाने के लिए आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, टोला सेवक और तालीमी मकरज को गांव-गांव भेजा गया, जिन्होंने 6 वर्ष या उससे अधिक उम्र के स्कूल से वंचित बच्चों की पहचान की और उनके परिजनों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। आधार कार्ड की कमी को बाधा न मानते हुए, जिन बच्चों के पास आधार नहीं था, उनके माता-पिता के दस्तावेजों के आधार पर उनका दाखिला किया गया। इसके बाद संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनवाए जाएंगे और आधार कार्ड की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
चहक गतिविधियों से स्कूल माहौल में ढलेंगे बच्चे
दाखिला लेने वाले बच्चों को ‘चहक’ गतिविधियों से जोड़ा जाएगा, ताकि वे विद्यालयी परिवेश में सहजता से ढल सकें और पढ़ाई के तरीकों को अपनाने में उन्हें सुविधा हो। लगभग 10 हजार बड़े बच्चों का भी कक्षा 2, 3, 4 और 5 में दाखिला हुआ है, जिन्हें पढ़ाई में सामंजस्य बैठाने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं चलायी जाएंगी।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर पंजीकरण से मिलेंगी कई सुविधाएं
कक्षा एक में दाखिला लेने के बाद बच्चों का रजिस्ट्रेशन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर किया गया है। इसमें बच्चों के नाम, पता, उम्र, कक्षा सहित अन्य विवरण अपडेट किया गया है। इसके आधार पर बच्चों को पोशाक, टिचिंग-लर्निंग मटेरियल, बैग, स्लेट, छात्रवृत्ति और मिड डे मील जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
सरकारी स्कूलों में इंग्लिश लैब की शुरुआत, ग्रामीण बच्चों को मिलेगा लाभ
सिवान से एक अन्य बड़ी पहल की खबर यह है कि शिक्षा विभाग अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को अंग्रेजी बोलने में दक्ष बनाने के लिए इंग्लिश लैब की स्थापना कर रहा है। पहले चरण में पीएम श्री योजना के तहत चयनित 26 स्कूलों में अंग्रेजी भाषा प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी। इन लैब्स में कंप्यूटर, हेडफोन और अन्य संसाधन होंगे, जहां बच्चे खेल-खेल में अंग्रेजी बोलना, सुनना और समझना सीखेंगे। कक्षा 6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को बोलने, पढ़ने और लिखने का अभ्यास कराया जाएगा। शिक्षकों को भी इंग्लिश टीचिंग में प्रोफेशनल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे छात्रों को प्रेरित कर सकें।
डीपीओ अवधेश कुमार ने बताया कि पीएम श्री स्कूलों के मानकों में लैंग्वेज लैब का प्रावधान पहले से ही है, और चयनित स्कूलों को मध्य विद्यालयों से टैग किया जा रहा है। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र के छात्र सबसे अधिक लाभान्वित होंगे।
बीपीएससी मुख्य परीक्षा पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
नई दिल्ली से मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को होने वाली बीपीएससी मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि प्रश्नपत्र लीक के आरोप केवल बापू परीक्षा केंद्र तक सीमित थे, जहां पहले ही पुनः परीक्षा कराई जा चुकी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि 150 प्रश्नों में से केवल दो प्रश्न ही हू-ब-हू पाए गए और चार सेट्स का प्रयोग कर प्रश्नों की एकरूपता को रोका गया था।
बिहार बोर्ड इंटर नामांकन के लिए आज से आवेदन शुरू
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 11वीं कक्षा में नामांकन के लिए 24 अप्रैल से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। विद्यार्थी www.ofssbihar.net पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 3 मई है। इस बार 10,006 शिक्षण संस्थानों में 17.50 लाख से अधिक सीटों पर नामांकन होगा। डिग्री कॉलेजों में अब इंटर की पढ़ाई नहीं होगी।
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि एक मोबाइल नंबर और एक ईमेल आईडी से केवल एक ही आवेदन स्वीकार किया जाएगा। आवेदन के समय छात्रों को अपने रोल नंबर, रोल कोड और जन्मतिथि की जानकारी तैयार रखनी होगी। एक बार विकल्प भरने के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। इस बार जिले के 439 स्कूलों में इंटर नामांकन की व्यवस्था की गई है, जिनमें आर्ट्स संकाय में सबसे अधिक और कॉमर्स में सबसे कम सीटें उपलब्ध हैं।
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(समाचार ब्यूरो: deooffice.com)