1. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की जवाबदेही का होगा मूल्यांकन, SCERT ने जारी किया निर्देश
पटना/मुजफ्फरपुर। टीम।
राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की जवाबदेही की अब गहन जांच की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान जो ज्ञान और तकनीकें शिक्षकों को सिखाई गई हैं, उनका स्कूलों में सही उपयोग हो रहा है या नहीं, इसका मूल्यांकन किया जाएगा। इस कार्य के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने सभी प्रशिक्षण संस्थानों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं।
कैसे होगा मूल्यांकन:
- प्रत्येक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान की टीम को 5 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा।
- मूल्यांकन के लिए 23 बिंदुओं पर जांच की जाएगी।
- पांच स्तर की ग्रेडिंग प्रणाली अपनाई जाएगी।
- टीम कक्षा में बैठकर यह देखेगी कि शिक्षक बच्चों के सवालों का जवाब किस प्रकार दे रहे हैं।
जांच के प्रमुख बिंदु:
- विषय पढ़ाते समय शिक्षक कितनी तर्कशीलता का प्रयोग कर रहे हैं।
- क्या पढ़ाया गया पाठ पिछले पाठ से जुड़ा है या नहीं।
- क्या महत्वपूर्ण बिंदुओं को अलग से समझाया और नोट कराया गया है।
- क्या बच्चों को सवाल पूछने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
- शिक्षकों द्वारा दिए गए जवाबों से बच्चे संतुष्ट हो रहे हैं या नहीं।
मूल उद्देश्य:
शिक्षकों की ट्रेनिंग पर हो रहे भारी खर्च का वास्तविक प्रभाव जांचना, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है या नहीं।
2. CBSE की मान्यता प्रणाली में बड़ा बदलाव, अब बिना NOC के भी संभव होगी मान्यता
पटना। संवाददाता।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूलों को दी जाने वाली मान्यता की प्रक्रिया में अहम बदलाव किए हैं। अब स्कूल बिना राज्य शिक्षा विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिए भी सीधा CBSE से मान्यता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
क्या है नया नियम:
- यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू होगा।
- स्कूल CBSE के सरस पोर्टल के माध्यम से आवेदन करेंगे।
- CBSE स्वयं राज्य शिक्षा विभाग को NOC के लिए पत्र भेजेगा।
- अगर 15 दिनों में राज्य से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है, तो मान्यता स्वीकृत मानी जाएगी।
CBSE की प्रतिक्रिया प्रक्रिया:
- पहली बार पत्र भेजे जाने के 15 दिन बाद यदि प्रतिक्रिया नहीं मिली तो एक रिमाइंडर पत्र भेजा जाएगा।
- उसके बाद भी प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर CBSE यह मान लेगा कि विभाग को कोई आपत्ति नहीं है।
इस बदलाव का प्रभाव:
- मान्यता प्रक्रिया होगी सरल और तेज।
- जिन स्कूलों को पहले मानकों के कारण मान्यता नहीं मिल पा रही थी, उन्हें मौका मिलेगा।
- राज्य शिक्षा विभाग की मनमानी पर रोक लग सकेगी।
3. मध्याह्न भोजन योजना में लापरवाही, पटना के 11% स्कूल नहीं भेज रहे MDM रिपोर्ट
पटना। कार्यालय संवाददाता।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM POSHAN) के तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में चल रही मध्याह्न भोजन योजना (MDM) की निगरानी में बड़ी खामी सामने आई है। शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पटना जिले के लगभग 11% स्कूल प्रतिदिन की MDM रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं।
रिपोर्ट की मुख्य बातें:
- पटना के 3113 स्कूलों में से प्रतिदिन औसतन 300 से अधिक स्कूल रिपोर्ट नहीं भेजते।
- मई के 18 कार्यदिवसों में हर दिन औसतन 342 स्कूल रिपोर्टिंग से चूकते रहे।
- मई माह के 2, 13 और 14 तारीख को रिपोर्ट न देने वाले स्कूलों का प्रतिशत 14% से अधिक रहा।
राज्यस्तर पर स्थिति:
- पूरे बिहार में 65961 स्कूल इस योजना से लाभान्वित हैं।
- इनमें से 10.99% स्कूल रोजाना रिपोर्टिंग नहीं कर रहे।
- लगभग 7000 स्कूल प्रतिदिन के भोजन वितरण की रिपोर्ट देने में विफल रहते हैं।
रिपोर्ट में रही इन बातों की कमी:
- कितने बच्चों ने भोजन प्राप्त किया
- रसोइया और सहायकों की उपस्थिति
- खाद्यान्न और फंड की आपूर्ति स्थिति
केंद्र की नाराजगी और निर्देश:
शिक्षा मंत्रालय ने राज्य को कड़ी फटकार लगाई है और निर्देश दिया है कि 100% स्कूलों द्वारा प्रतिदिन SMS के माध्यम से रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा आंकड़ों के समन्वय को भी प्राथमिकता देने को कहा गया है।
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