विस्तृत समाचार रिपोर्ट
1. बिहार: ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर 11.87 लाख छात्रों के बैंक खातों में त्रुटियाँ, योजनाओं का लाभ रुका
पटना, 12 मार्च 2025 (राज्य ब्यूरो,) – बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के 11,86,936 छात्र-छात्राओं के बैंक खाता विवरण में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर कई त्रुटियाँ पाई हैं, जिसके कारण विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत राशि हस्तांतरण में देरी हो रही है। विभाग ने सभी जिलों को एक सप्ताह के भीतर इन समस्याओं को ठीक करने का निर्देश दिया है। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, 7,54,397 छात्रों के खाते संबंधित बैंकों में मौजूद ही नहीं हैं, 683 के बैंक नाम और IFSC कोड में तालमेल नहीं है, और 4,22,711 छात्रों के बैंक नाम पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) बैंक मास्टर में नहीं हैं। इसके अलावा, पाँच छात्रों के IFSC कोड निष्क्रिय बैंक शाखाओं से संबंधित हैं, 8,444 खाते बंद हो चुके हैं, और शेष त्रुटियाँ यूनिक आइडेंटिफिकेशन (UID) से जुड़ी हैं।
ये सभी गलत प्रविष्टियाँ ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर दिखाई दे रही हैं, जिसके चलते तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला, जो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की नोडल अधिकारी भी हैं, ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEOs) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (DPOs) को योजना और लेखा के लिए सात दिनों के भीतर डेटा सुधार कर सही विवरण अपलोड करने का निर्देश दिया है, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है।
2. 2025-26 के लिए बिहार के 1.03 करोड़ छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन स्वीकृत; आधार लिंकेज से 6 लाख कम
पटना, 12 मार्च 2025 – केंद्र सरकार ने बिहार के प्राथमिक स्कूलों (कक्षा 1 से 8) के 1.03 करोड़ बच्चों के लिए 2025-26 शैक्षणिक सत्र में मध्याह्न भोजन (MDM) योजना को मंजूरी दी है, जो प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) की प्री-मीटिंग में तय हुआ। यह संख्या चालू सत्र के 1.09 करोड़ से 6 लाख कम है, जिसका कारण अधिकारियों ने आधार नंबर को नामांकन के साथ अनिवार्य करना बताया है, इससे सरकारी और निजी स्कूलों में दोहरे नामांकन में कमी आई है। पहले, एक ही बच्चे का नाम दोनों प्रकार के स्कूलों में होने की शिकायतें मिलती थीं, लेकिन आधार एकीकरण ने डेटा को सटीक बनाया है।
स्वीकृति दैनिक भोजन खपत के आँकड़ों पर आधारित है, जिसके आधार पर केंद्र और राज्य का 60:40 अनुपात में फंडिंग तय होती है। बिहार के 68,000 प्राथमिक स्कूलों में 2,18,000 रसोइये कार्यरत हैं, जिन्हें 1,650 रुपये मानदेय मिलता है—1,000 रुपये केंद्र से (40% राज्य द्वारा) और 650 रुपये राज्य के कोष से। MDM निदेशक साहिला ने DEOs और DPOs को चेतावनी दी है कि लापरवाही से योजना में व्यवधान होने पर सख्त कार्रवाई होगी। समीक्षा में पाया गया कि कई जिलों से ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर पूरा डेटा नहीं भेजा जा रहा और कुछ जगहों पर खाद्यान्न की कमी से भोजन बंद है। आपूर्ति बहाल करने के आदेश दिए गए हैं। अंतिम PAB मंजूरी अप्रैल में अपेक्षित है।
3. बिहार के प्राथमिक और मध्य स्कूलों में वार्षिक परीक्षाएँ शुरू, कदाचार रोकने के कड़े इंतजाम
बिहार के प्राथमिक और मध्य स्कूलों में कक्षा 3 से 8 के लिए बुधवार से वार्षिक परीक्षाएँ शुरू हुईं, जो राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के दिशा-निर्देशों के तहत 20 मार्च तक चलेंगी। कदाचार रोकने के लिए अन्य स्कूलों के शिक्षकों को निरीक्षक बनाया गया है। जिले में लगभग 3.5 लाख छात्र भाग ले रहे हैं। पहले दो दिनों में कक्षा 1 और 2 की मौखिक परीक्षाएँ हुईं, तीसरे दिन से लिखित परीक्षाएँ शुरू हुईं, जिसमें पहला विषय गणित था। 13 मार्च को कोई परीक्षा नहीं है, लेकिन छात्र स्कूल में अगली तैयारी के लिए आएँगे। अगली परीक्षा 17 मार्च को होगी।
SCERT ने प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएँ उपलब्ध कराई हैं, मूल्यांकन सामग्री पहले वितरित की गई। बड़हरिया में छात्रों ने गणित परीक्षा में उत्साह दिखाया, जो बिहार शिक्षा परियोजना के दिशा-निर्देशों के तहत दो पालियों में हुई। शिक्षकों की ड्यूटी 20 मार्च को समाप्त होगी, लेकिन 13 मार्च को उनकी उपस्थिति को लेकर अस्पष्टता है। परीक्षा परिणाम होली के बाद घोषित होंगे, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर मिलेगा।
4. परीक्षा ड्यूटी वाले शिक्षक 13 मार्च को मूल स्कूल में रहेंगे, तैयारी का निर्देश
पटना, 12 मार्च 2025 – बिहार के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 के छात्रों की वार्षिक परीक्षाएँ 10 मार्च से शुरू हुई हैं। गुरुवार, 13 मार्च को परीक्षा निर्धारित नहीं है। ऐसे में, परीक्षा निरीक्षण कार्य में लगे सभी शिक्षकों को अपने मूल स्कूल में उपस्थित रहने और आगामी विषयों की तैयारी कराने का निर्देश दिया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) प्रारंभिक शिक्षा और सर्व शिक्षा अभियान ने सभी प्राथमिक और मध्य स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और प्रभारी प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखकर यह सूचना दी है। DPO ने स्पष्ट किया कि शिक्षक अपने मूल स्कूल में ही उपस्थिति दर्ज करेंगे।