पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2025 की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य गुरुवार से शुरू हो गया है। पटना के सात समेत राज्य के 100 से अधिक केन्द्रों पर यह प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, जो 8 मार्च तक पूरी की जाएगी। सभी मूल्यांकन केन्द्रों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। प्रत्येक केन्द्र पर 200 से 500 परीक्षक मूल्यांकन कार्य में लगे हैं।
180 शिक्षकों का तबादला, सूची तैयार
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से चयनित 180 शिक्षकों के तबादले की सूची तैयार कर ली गई है। अगले एक-दो दिनों में इन शिक्षकों को विद्यालय आवंटित किए जाने की संभावना है। यह दूसरे चरण का तबादला होगा, जबकि पहले चरण में 35 शिक्षकों का तबादला हुआ था, जो कैंसर से जूझ रहे थे।
शिक्षा विभाग ने BPSC से बहाल 250 शिक्षकों के आवेदनों की स्क्रूटिनी कराई थी, जिसमें 180 आवेदनों को स्वीकृति मिली। इन शिक्षकों के आवेदनों को संबंधित जिलों में भेजा गया और वहां से विद्यालय आवंटन की रिपोर्ट विभाग को प्राप्त हो गई है।
इसके अलावा, 400 नियोजित शिक्षकों के तबादले के आवेदन की स्क्रूटिनी भी प्रारंभ हो चुकी है। एक लाख 90 हजार शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन दिया था, जिन्हें विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। सबसे पहले गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों के तबादले किए जा रहे हैं।
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CBSE बोर्ड में बड़ा बदलाव, 2026 से दो फेज में होगी दसवीं की परीक्षा
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 से दसवीं कक्षा की परीक्षा दो फेज में कराने के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी। जिन छात्रों के पहले फेज में अंक अच्छे नहीं आएंगे, वे दूसरे फेज की परीक्षा में शामिल होकर सुधार कर सकेंगे।
मसौदे के अनुसार, कुछ विषयों की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। यदि किसी छात्र को पहले फेज में कम अंक मिलते हैं, तो वह दूसरे फेज में परीक्षा देकर बेहतर अंक प्राप्त कर सकता है। जिस फेज में प्राप्त अंक अधिक होंगे, उसी को अंतिम परिणाम में शामिल किया जाएगा।
CBSE बोर्ड छात्रों को 16 एकेडमिक विषय, 23 स्किल विषय और 45 भाषाएं पढ़ने का विकल्प देता है। प्रत्येक छात्र 7 विषयों की ही परीक्षा दे सकेगा, जिसमें 2 भाषाएं, 3 वैकल्पिक विषय और 2 अन्य विषय शामिल होंगे। बोर्ड का मानना है कि इस नई व्यवस्था से परीक्षा की अवधि कम होगी और छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे।
विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए मौजूदा नियम जारी रहेंगे, जबकि खेलों में विशेष रुचि रखने वाले छात्रों के लिए कोई अलग परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।
बोर्ड ने स्कूलों को 31 दिसंबर तक ‘सरस पोर्टल’ पर स्व-आकलन (Self-Assessment) करने का निर्देश दिया है। CBSE से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
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