शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर विधानसभा में बड़ा ऐलान, जानिए क्या बोले शिक्षा मंत्री?
पटना। बिहार विधानसभा के बजट सत्र 2025 में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। इस मुद्दे पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री सुनील सिंह ने सदन में घोषणा की कि अगले दो महीनों के भीतर शिक्षकों को मनचाही पोस्टिंग मिल जाएगी। सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसके माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
शिक्षकों को मिलेगी मनचाही पोस्टिंग
शिक्षा मंत्री सुनील सिंह ने सदन में स्पष्ट किया कि शिक्षकों को अपनी पसंदीदा पोस्टिंग के लिए 10 विकल्प (चॉइस) देने होंगे। इसके बाद, सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षकों की पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि पोस्टिंग मुख्य रूप से तीन प्रमुख आधारों पर दी जाएगी:
- बीमारी – गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- पति-पत्नी – यदि दोनों पति-पत्नी शिक्षक हैं, तो उन्हें एक ही स्थान पर पोस्टिंग दी जाएगी।
- व्यक्तिगत चॉइस – शिक्षकों को अपनी पसंद की जगह चुनने का अवसर मिलेगा, हालांकि अंतिम निर्णय रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर होगा।
अपील करने की सुविधा भी होगी
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि यदि किसी शिक्षक को उनकी पसंदीदा पोस्टिंग नहीं मिलती है, तो उन्हें अपील करने का भी अवसर मिलेगा। शिक्षक जिलाधिकारी (DM), कमिश्नर या विभागीय स्तर पर गठित कमिटी के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह कमिटी उनकी अपील की समीक्षा करेगी और यदि संभव होगा, तो उनकी पसंदीदा पोस्टिंग प्रदान की जाएगी।
गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों को पहले ही दी जा चुकी है पोस्टिंग
शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में बताया कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के उन शिक्षकों, जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, की मनचाही पोस्टिंग पहले ही की जा चुकी है। इस प्रक्रिया को जल्द पूरा कर लिया गया था ताकि वे आसानी से अपनी सेवाएं जारी रख सकें।
विधानसभा में हुआ खुलासा
शिक्षा मंत्री सुनील सिंह ने यह जानकारी सीपीआई विधायक सूर्यकांत पासवान के सवाल के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार चाहती है कि कोई भी शिक्षक अनावश्यक परेशानियों का सामना न करे और उन्हें अपने अनुकूल स्थान पर काम करने का अवसर मिले।
शिक्षा विभाग का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दो महीनों के भीतर इस प्रक्रिया को पूरी तरह लागू कर दिया जाए। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए इस नई प्रणाली को तैयार किया है ताकि उनकी पोस्टिंग में किसी भी प्रकार की देरी या भेदभाव न हो।
क्या कहते हैं शिक्षक?
शिक्षकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। बिहार के कई शिक्षक संगठनों ने इस पहल को सकारात्मक कदम बताया है और कहा कि इससे शिक्षकों को काम करने के लिए बेहतर माहौल मिलेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी मांग की है कि सभी शिक्षकों को उनकी प्राथमिकता के आधार पर पोस्टिंग मिलनी चाहिए, ताकि वे अपने परिवार और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को भी ध्यान में रख सकें।
निष्कर्ष
बिहार सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब शिक्षकों को उनकी पसंद के 10 स्थानों के विकल्प देने होंगे और सरकार रिक्तियों के आधार पर उनकी पोस्टिंग सुनिश्चित करेगी। यदि किसी शिक्षक को मनचाही पोस्टिंग नहीं मिलती, तो वे अपील कर सकते हैं। इस निर्णय से हजारों शिक्षकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।