बदलाव की आहट: अब नई किताबों और नए ढर्रे से पढ़ाई करेंगे पहली से आठवीं तक के छात्र, समाप्त होंगे शिक्षा विभाग के दो कैडर
■ पटना | deooffice.com न्यूज ब्यूरो
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहली से आठवीं तक के छात्र अब 2026-27 शैक्षणिक सत्र से नई किताबों से पढ़ाई करेंगे। यह बदलाव बिहार पाठ्यचर्या रूपरेखा 2025 (BCF) के आधार पर किया जा रहा है। इसके तहत SCERT (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) नए सिलेबस की तैयारी करेगा और फिर नई किताबों की छपाई की जाएगी। खास बात यह है कि इस बार पाठ्यक्रम में बिहार की संस्कृति, विरासत, पर्यावरण, स्वच्छता, सुरक्षा और विज्ञान जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा, जो बच्चों को बिहार के सच्चे परिप्रेक्ष्य में पढ़ाई से जोड़ेंगे।
परिषद द्वारा हितधारकों से 20 मई शाम 6 बजे तक सुझाव मांगे गए हैं, जिन्हें exam.scertpatna@yahoo.com पर भेजा जा सकता है। ये सुझाव BCF को और बेहतर बनाने के लिए उपयोग किए जाएंगे। इच्छुक लोग शिक्षा विभाग की वेबसाइट या SCERT की आधिकारिक वेबसाइट से BCF की रूपरेखा डाउनलोड कर सकते हैं।
तीन चरणों में होगा कार्य पूरा:
- पहला चरण: BCF 2025 की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
- दूसरा चरण: उसी आधार पर नया पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा।
- तीसरा चरण: नए पाठ्यक्रम के आधार पर पुस्तकें छापी जाएंगी।
नए पाठ्यक्रम में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्रायोगिक तरीके से पढ़ाने पर बल दिया जाएगा। चित्रों और रोचक उदाहरणों के माध्यम से उन्हें पढ़ाया जाएगा। पाठ्यक्रम की संरचना नौ खंडों में की जाएगी, जिसमें सामाजिक-आर्थिक विषमताओं, ग्रामीण जनसंख्या की समस्याओं और बिहार की प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ व सूखे की भी समावेशिता होगी।
2008 में आखिरी बार हुआ था पाठ्यक्रम में बदलाव:
2006 में पहली बार बिहार की अपनी पाठ्यचर्या बनी थी, जिसके आधार पर 2008 में पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया था। अब करीब 18 वर्षों के बाद फिर एक बड़े बदलाव की तैयारी है।
छात्रों के लिए पेन नंबर अनिवार्य: नामांकन और शैक्षणिक पहचान की होगी निगरानी
जासं, सिवान | deooffice.com
बिहार के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अब विद्यार्थियों के लिए पेन (Permanent Enrollment Number) नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। यह व्यवस्था फर्जी नामांकन पर रोक लगाएगी। यह नंबर कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक वैध रहेगा और छात्र देश के किसी भी राज्य के किसी भी स्कूल में इस पेन नंबर के जरिए अपनी शैक्षणिक पहचान के साथ नामांकन ले सकेंगे।
इस व्यवस्था के तहत स्कूलों को U-DISE पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर बच्चों की प्रोफाइल अपलोड करनी होगी। उसी के आधार पर प्रत्येक छात्र का पेन नंबर जेनरेट होगा। U-DISE नंबर के बिना किसी स्कूल को मान्यता नहीं दी जाएगी और जिन स्कूलों के पास यह नहीं होगा, उनकी वैधता पर सवाल खड़े हो सकते हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने माता-पिता से अपील की है कि नामांकन से पहले स्कूल का U-DISE नंबर अवश्य चेक करें।
समाप्त होंगे दो संवर्ग, शिक्षा प्रशासन में बंद होगा प्रोन्नति का मार्ग
डॉ. लक्ष्मीकान्त सजल, पटना | deooffice.com
बिहार शिक्षा विभाग के दो संवर्ग—”निम्न शिक्षा सेवा” और “अवर शिक्षा सेवा (प्राथमिक शिक्षा)”—अब जल्द ही समाप्त कर दिए जाएंगे। इस बदलाव के साथ ही बिहार शिक्षा सेवा प्रशासन संवर्ग में प्रोन्नति से प्रवेश के दरवाजे भी बंद हो जाएंगे। अब इस संवर्ग में सिर्फ सीधी नियुक्ति से ही प्रवेश संभव होगा।
“निम्न शिक्षा सेवा” में वे शिक्षक शामिल हैं जो शिक्षक नियोजन की व्यवस्था शुरू होने से पहले राजकीय बुनियादी विद्यालयों में बहाल किए गए थे। इस संवर्ग के शिक्षक अब सेवा-निवृत्ति के कगार पर हैं। वहीं “अवर शिक्षा सेवा (प्राथमिक)” के पदों पर पहले कभी सीधी नियुक्ति नहीं हुई, बल्कि यह पद निम्न संवर्ग के शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाते थे। अब यह प्रक्रिया भी समाप्त होने जा रही है।
किस पर असर पड़ेगा?
इस बदलाव से शिक्षा प्रशासन संवर्ग के तहत आने वाले कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सहायक निदेशक, उप निदेशक, संयुक्त निदेशक, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक और विशेष निदेशक जैसे पदों पर प्रोन्नति से भर्ती का रास्ता बंद हो जाएगा।
डिजिटल युग की ओर शिक्षा: बच्चों की होगी ऑनलाइन उपस्थिति, पढ़ेंगे डिजिटल किताबें
राज्य ब्यूरो, पटना | deooffice.com
बिहार में शिक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में भी अहम पहल की गई है। एक मई से राज्य के 30 सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके लिए स्कूलों को पहले ही टैबलेट दिए जा चुके हैं। छात्र और शिक्षक दोनों को सॉफ्टवेयर पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इस सॉफ्टवेयर की खासियत यह है कि यह यह भी बताएगा कि उपस्थित बच्चों में से कितनों ने मध्याह्न भोजन किया।
डिजिटल किताबों की सुविधा:
इस सत्र से कक्षा 6 और ऊपर के छात्र डिजिटल किताबों से भी पढ़ सकेंगे। उन्हें अपने स्कूल की डिजिटल लाइब्रेरी से किताबें पेन ड्राइव में डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी। प्रत्येक विद्यालय में ICT लैब और डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाएगी।
चेतना सत्र में शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य:
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा है कि शिक्षकों को जो ट्रेनिंग दी जा रही है, उसका प्रभाव कक्षा शिक्षण में दिखना चाहिए। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे “चेतना सत्र” का आयोजन अनिवार्य किया गया है, जिसमें हर शिक्षक की उपस्थिति जरूरी है।
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