*नई दिल्ली, एजेंसी।*
सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में बड़ा बदलाव हो सकता है। खबरें आ रही हैं कि केंद्र सरकार एनपीएस में सुनिश्चित पेंशन सीमा लागू करने पर विचार कर रही है। इसके तहत कर्मचारियों के अंतिम वेतन का 45 से 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने का प्रस्ताव रखा गया है। उम्मीद की जा रही है कि 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में इसका ऐलान हो सकता है।
### पेंशन सुधार की दिशा में बड़ा कदम
पिछले साल सरकार ने एनपीएस की समीक्षा के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति का उद्देश्य पुरानी पेंशन व्यवस्था की ओर लौटे बिना एनपीएस में सुधार के तरीकों का पता लगाना था। समिति को यह अध्ययन करना था कि सरकारी कर्मचारियों के पेंशन के मौजूदा ढांचे में क्या-क्या बदलाव किए जा सकते हैं और उन्हें और कैसे लाभान्वित किया जा सकता है।
### प्रस्तावित मसौदा: पेंशन में बदलाव
सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित मसौदे में सरकार किसी कर्मचारी के अंतिम वेतन का न्यूनतम 45 से 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन राशि देने की घोषणा कर सकती है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी का वेतन 50,000 रुपये महीना है, तो सेवानिवृत्ति पर उसे 20,000 से 25,000 रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे। यदि पेंशन आधार राशि से कम है, तो सरकार इस कमी को अपनी तरफ से पूरा करेगी।
### पुरानी पेंशन व्यवस्था: एक विवादित मुद्दा
गौरतलब है कि सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग लगातार उठाते आ रहे हैं और यह मुद्दा राजनीतिक स्तर पर भी हावी है। कई राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू की गई है। ऐसे में केंद्रीय कर्मचारी भी पुरानी पेंशन लागू करने की मांग कर रहे हैं।
### समिति की सिफारिशें और सरकार की प्रतिक्रिया
समिति ने हाल ही में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी हैं और सरकार इन सिफारिशों को इस बजट में लागू कर सकती है। वित्त मंत्रालय ने पिछले दिसंबर में यह भी स्पष्ट किया था कि सरकार पुरानी पेंशन योजना की तरफ नहीं लौटेगी।
सरकारी कर्मचारियों के लिए यह खबर एक बड़ी राहत हो सकती है और आने वाले बजट में इसका आधिकारिक ऐलान होने की संभावना है। एनपीएस में इस सुधार से कर्मचारियों को अपने भविष्य को लेकर अधिक सुरक्षा और स्थिरता मिलेगी।
### निष्कर्ष
एनपीएस में यह संभावित बदलाव न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि सरकार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। यह कदम पेंशन सुधार की दिशा में एक बड़ा प्रयास होगा और कर्मचारियों के बीच विश्वास और संतोष का माहौल बनाएगा। आगामी बजट में इस प्रस्ताव का ऐलान होने की संभावना को लेकर सरकारी कर्मचारियों में उत्सुकता और उम्मीदें बढ़ी हुई हैं।