आधार मैच नहीं हुआ तो नीट एग्जाम से हो सकते हैं वंचित
एनटीए सेंटर वाले सभी जिलों के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को लिखा पत्र
PATNA (10 April): नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित विभिन्न स्नातक स्तरीय कोर्स में नामांकन के लिए नीट यूजी का आयोजन चार मई को करेगा। एनटीए ने स्पष्ट किया कि आधार से किसी तरह की छेड़छाड़ की स्थिति में संबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा केंद्र पर आधार कार्ड मैच नहीं होगा तो परीक्षा से वंचित किया जा सकता है। परीक्षा में फर्जीवाड़ा पर लगाम के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम प्रभावी होगा। परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों के चेहरे का मिलान किया जाएगा। चेहरे का मिलान नहीं होने पर संबंधित संदिग्धों पर विशेष नजर रखी जाएगी। पिछले साल धांधली की शिकायत और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में एनटीए इस बार विशेष एहतियात बरत रही है। जिन अभ्यर्थियों पर धांधली करने का संदेह होगा, उनका रिकॉर्ड परीक्षा अवधि के दौरान खंगाला जाएगा।
सिटी स्लिप 26 अप्रैल को
नीट यूजी 2025 के लिए एग्जाम सिटी स्लिप 26 अप्रैल को जारी किया जाएगा, जबकि प्रवेश पत्र परीक्षा की तिथि से तीन दिन पहले डैशबोर्ड से अभ्यर्थी डाउनलोड कर सकेंगे। नीट यूजी 2025 का आयोजन चार मई को राज्य के पटना सहित 35 शहरों के 105 से अधिक केंद्रों पर किया जाएगा।
सरकारी शिक्षण संस्थानों को प्राथमिकता
पिछले साल नीट में गड़बड़ी करने वाले केंद्रों पर इस बार परीक्षा का आयोजन नहीं होगा। वहीं, कई सेंटर को विशेष नजर के लिए चिह्नित किया गया है। एनटीए की मानें तो केंद्र के लिए सरकारी शिक्षण संस्थानों को प्राथमिकता दी जाएगी। ढांचागत सुविधा के साथ-साथ पिछली परीक्षाओं में संबंधित शिक्षण संस्थान के रिकॉर्ड को भी ध्यान में रखा जा रहा है। एनटीए ने इसके लिए परीक्षा केंद्र वाले जिले के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर प्रक्रिया से अवगत कराया है। कदाचार मुक्त परीक्षा संचालन के लिए डीएम, एसपी, सेंट्रल स्कूल के प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी आदि की कमेटी बनाई गई है। इनके ऊपर कदाचार मुक्त परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी होगी। निगरानी के लिए चार स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।
नवोदय विद्यालय में नामांकन के लिए छात्रों को सरकारी विद्यालयों से टीसी लेना अनिवार्य
प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्र सरकारी स्कूलों से टीसी ले रहे
भागलपुर: नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा का रिजल्ट निकल चुका है। अब ऐसे में नवोदय विद्यालय में नामांकन के लिए छात्रों को सरकारी विद्यालयों से स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) अनिवार्य है। वहीं दूसरी ओर जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय में इन दिनों छात्रों के स्थानांतरण प्रमाण पत्र (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी की स्वीकृति के लिए छात्र, उनके अभिभावक और स्कूली शिक्षकों की लगातार भीड़ उमड़ रही है।
खास बात यह है कि अब तक विभाग पहुंच रहे हैं ऐसे अधिकांश छात्रों ने प्राइवेट स्कूलों से पढ़ाई की है, जबकि उन्हें गलत तरीके से मिलीभगत कर सरकारी स्कूलों में नामांकित दिखाया जा रहा है। हालांकि अबतक करीब दर्जन भर से ज्यादा ऐसे मामले पकड़ में भी आ चुके हैं, जिनमें स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने छात्रों का फर्जी नामांकन दिखाया है।
– राजकुमार शर्मा, डीईओ
| सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के साथ डीईओ कार्यालय पहुंच रहे हैं दर्जनों छात्र
नवोदय में नामांकन के लिए छात्रों को टीसी की जरूरत है। कार्यालय पहुंच रहे अधिकांश छात्रों की उपस्थिति पंजी में टेंपरिंग किया जाना सामने आया है। ऐसे में सभी से डीबीटी ट्रांसफर का ब्योरा मांगा जा रहा है। विभाग का उद्देश्य है कि सही बच्चों को ही यह लाभ मिले।
शिक्षा माफिया की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है। दरअसल, हर साल नवोदय विद्यालय में नामांकन के लिए ली गई प्रवेश परीक्षा के बाद ऐसे मामले सामने आते हैं।
■ अब तक लगभग एक दर्जन से ज्यादा फर्जी छात्र आ चुके हैं पकड़ में, बरती जा रही सतर्कता
| उपस्थिति पंजी में टेंपरिंग कर चढ़ाया गया छात्र का नाम
एक शिक्षक पीरपैंती प्रखंड के छात्र को टीसी के लिए लेकर डीईओ कार्यालय पहुंचे थे। इस क्रम में डीईओ ने छात्र की उपस्थिति पंजी का गहन अवलोकन किया। इसमें भी टेंपरिंग किए जाने की बात सामने आई। इसके बाद उन्होंने छात्र की डीबीटी की राशि स्थानांतरण का ब्योरा मांगा तो शिक्षक चुप हो गए।
शिक्षकों को वेतन के साथ होगा बकाया का भुगतान
पटना (आशिप्र): राज्य के सरकारी स्कूलों के सभी कोटि के शिक्षकों को वेतन के साथ बकाया वेतन का भी भुगतान होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को हफ्ते भर का समय दिया है। विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। विभाग के उप सचिव अमित कुमार पुष्पक के हस्ताक्षर से जारी निर्देश में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत जिलों में कार्यरत सभी प्रकार के शिक्षकों को मार्च सहित बकाया वेतन का भुगतान नियमानुसार एक सप्ताह के अंदर किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसकी प्रतिलिपि शिक्षा विभाग के सभी निदेशकों को भी भेजी गई है।
आपको याद दिला दूं कि ‘सक्षमता परीक्षा’ के सफल संचालन के लिए आवश्यक कार्यार्थ प्रेषित किया गया है। इससे मार्च के वेतन के साथ बकाया वेतन का इंतजार कर रहे शिक्षकों में राहत की उम्मीद जगी है।
अगवा कर शिक्षक की जबरन शादी, पुलिस ने कराया मुक्त
(दरभंगा): जमालपुर थाना क्षेत्र के ढंगा मध्य विद्यालय के बीपीएससी उत्तीर्ण शिक्षक राकेश कुमार का अपहरण कर एक युवती से जबरन शादी करा दी गई। सूचना के बाद बिरौल एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी के नेतृत्व में पुलिस ने अपहृत शिक्षक को सकुशल मुक्त करा लिया। वह तिलकेश्वर थाना क्षेत्र के जिरौना गांव के निवासी हैं।
प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार राय ने बताया कि अन्य दिनों की तरह मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे राकेश चतरा गांव स्थित किराए के आवास से विद्यालय जाने के लिए निकले, लेकिन नहीं पहुंचे। मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश बेकार गई। तब राकेश के बहनोई अशोक कुमार से संपर्क किया तो अपहरण की जानकारी मिली। इसके बाद एसडीपीओ को सूचना दी गई। जमालपुर थानाध्यक्ष के साथ अपहृत के बहनोई तिलकेश्वर थाना पहुंचे। वहां एक व्यक्ति को बुलाया गया।
शादी के बाद शिक्षक ने पूछताछ में कहा कि भांजी से शादी के लिए अपहरण किया गया। सख्ती के बाद भी कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद छापेमारी कर शिक्षक को मुक्त कराया गया।
शिक्षक के बहनोई ने बताया कि घटना से पहले कई बार युवती के मामा उसड़ी निवासी बबलू यादव, नरेश यादव ने शादी की नीयत से अपहरण की धमकी दी थी। फरवरी में बबलू कुछ रिश्तेदारों के साथ ढंगा मध्य विद्यालय जाकर शिक्षक को देखने गए थे। युवती के स्वजन को बताया गया कि शिक्षक दिव्यांग हैं। शिक्षक के पिता का दो जुलाई 2024 को निधन हो गया। इस कारण शिक्षक के अभिभावक बहनोई हैं। इस कारण समस्तीपुर के खुटाना जाकर देखने गए, लेकिन युवती पसंद नहीं आई।
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