बायोमीट्रिक सत्यापन में गड़बड़ी पर एजेंसी को देना होगा 10 गुना जुर्माना, यूपीपीएससी की नई व्यवस्था लागू
deooffice.com ब्यूरो, प्रयागराज।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा केंद्रों में बायोमीट्रिक सत्यापन या अन्य किसी भी तकनीकी प्रक्रिया में गड़बड़ी होने पर संबंधित एजेंसी पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना गड़बड़ी की संख्या और परीक्षा में उपस्थित अभ्यर्थियों की संख्या के अनुसार बढ़ता जाएगा।
आयोग के मुताबिक, यदि किसी एक अभ्यर्थी के पास ब्लूटूथ डिवाइस या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पाया जाता है, या बायोमीट्रिक पहचान में कोई गड़बड़ी होती है, तो एजेंसी से परीक्षा केंद्र में उपस्थित परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर भुगतान की गई राशि का 10 गुना जुर्माना वसूला जाएगा। यदि दो अभ्यर्थी दोषी पाए जाते हैं, तो 20 गुना और तीन अभ्यर्थियों के पकड़े जाने पर 30 गुना जुर्माना वसूला जाएगा। गड़बड़ी की संख्या के अनुसार जुर्माना राशि क्रमशः बढ़ती जाएगी। ज्यादा गड़बड़ी पाए जाने पर एजेंसी को ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है। दोषी अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया
आयोग के सूत्रों के अनुसार, हाल ही में आयोजित परीक्षा में एक अभ्यर्थी के पास ब्लूटूथ डिवाइस पकड़े जाने के बाद एजेंसी पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। यह जुर्माना केंद्र में उपस्थित परीक्षार्थियों की संख्या के अनुसार निर्धारित किया गया। परीक्षा केंद्रों में बायोमीट्रिक सत्यापन की पूरी जिम्मेदारी अब एजेंसी को सौंप दी गई है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी परीक्षार्थियों का बायोमीट्रिक सत्यापन सही ढंग से हो और कोई भी उम्मीदवार इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश न करे।
आयोग ने नई व्यवस्था के तहत आइरिस स्कैन के जरिए बायोमीट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2024 में पेपर लीक की घटना के बाद से ही आयोग ने निगरानी और सुरक्षा को लेकर कई नई व्यवस्थाएं लागू की हैं।
ईपीएफओ ने आसान की यूएएन एक्टिवेशन प्रक्रिया
नई दिल्ली से प्राप्त समाचार के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को एक्टिवेट करने की प्रक्रिया को अब और आसान बना दिया है। अब कर्मचारी स्वयं अपने UAN को सक्रिय कर सकेंगे। इसके लिए आधार आधारित फेस वेरिफिकेशन की सुविधा शुरू की गई है। उमंग ऐप और आधार फेस-रीड ऐप के जरिए कर्मचारी ओटीपी सत्यापन और लाइव फोटो खींचकर अपना UAN एक्टिवेट कर सकते हैं। इससे मोबाइल नंबर या नाम की त्रुटियों को समाप्त किया जा सकेगा, और नियोक्ताओं पर निर्भरता कम होगी।
पीएफ ट्रस्टों की होगी जांच
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि देशभर के सभी पीएफ ट्रस्टों की जांच कराई जाएगी। जिन ट्रस्टों के खिलाफ पहले से शिकायतें मिल चुकी हैं या वर्तमान में मिल रही हैं, उनकी प्राथमिकता के आधार पर जांच कराई जाएगी। खातों के ऑडिट के आधार पर गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
नया आधार ऐप लॉन्च, अब नहीं देनी होगी फोटोकॉपी
डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने एक नया आधार ऐप लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से अब यूजर्स को अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी किसी भी जगह देने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब केवल फेस आइडी प्रमाणीकरण और क्यूआर कोड स्कैनिंग से आधार सत्यापन किया जा सकेगा। यह ऐप अभी बीटा वर्जन में है लेकिन इसे उच्च गोपनीयता सुरक्षा उपायों के साथ तैयार किया गया है। यूजर केवल आवश्यक जानकारी ही साझा कर सकते हैं।
80 हजार स्कूलों में सफाई पर खर्च होंगे ₹300 करोड़
शिक्षा विभाग बिहार के 80 हजार स्कूलों में सफाई के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। इसमें से 200 करोड़ प्राथमिक और मध्य विद्यालयों तथा 100 करोड़ माध्यमिक विद्यालयों के लिए तय किया गया है। हाउसकीपिंग एजेंसियों के जरिए यह सफाई कार्य कराया जाएगा। वर्ग कक्ष, शौचालय, टेबल-कुर्सी, बेंच-डेस्क और पूरे विद्यालय परिसर की सफाई कराई जाएगी। प्रधानाध्यापक साफ-सफाई की पंजी पर हस्ताक्षर करेंगे और माह के अंत में यह रिपोर्ट बीईओ को दी जाएगी, जिसके आधार पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एजेंसी को भुगतान करेंगे।
सफाई की दर तय
प्रारंभिक स्कूलों में प्रत्येक टॉयलेट की सफाई के लिए स्वीपर को ₹50 और माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ₹100 प्रति टॉयलेट की दर से भुगतान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कक्षा-कक्ष और फर्नीचर की सफाई भी इसी दर में शामिल है। डीईओ एक वर्ष का अनुबंध कर एजेंसियों से सफाई कार्य कराएंगे।
मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्रोत्साहन योजना: 1728 अभ्यर्थियों को ₹50-50 हजार की सहायता
मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत बिहार सरकार ने 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 1728 अभ्यर्थियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की है। प्राप्त 2099 आवेदनों में से 1728 पात्र पाए गए।
विद्यालय निरीक्षण के लिए छह पदाधिकारियों की टीम गठित
शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण के लिए छह अधिकारियों की टीम गठित की है। ये अधिकारी नौ अप्रैल से प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे से 11 बजे तक विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद ये अधिकारी अपने कार्यालय के कार्यों का भी निपटारा करेंगे। यह आदेश शिक्षा सचिव अजय कुमार यादव की ओर से जारी किया गया है।