1. एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस): केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन व्यवस्था
- यूपीएस की अधिसूचना और प्रभावी तिथि: अमर उजाला ब्यूरो/एजेंसी, नई दिल्ली। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की अधिसूचना जारी कर दी है। एक अप्रैल, 2025 से यूपीएस से जुड़े नियम लागू हो जाएंगे। इस योजना में सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि सुनिश्चित पेंशन के तौर पर दिए जाने का प्रावधान है। योजना के तहत केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने का विकल्प मिलेगा। एनपीएस या न्यू पेंशन स्कीम एक जनवरी, 2004 को लागू हुई थी। यह अधिसूचना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 24 जनवरी को जारी एकीकृत पेंशन योजना की घोषणा से जुड़ी है।
- यूपीएस के नियम और पात्रता शर्तें: अधिसूचना के मुताबिक, पूर्ण सुनिश्चित भुगतान की दर 25 वर्षों की न्यूनतम योग्यता सेवा के अधीन होगी और पेंशन की राशि सेवानिवृत्ति से तुरंत पहले के 12 माह के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगी। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नामांकन और दावा आवेदन एक अप्रैल से ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। कर्मचारियों के पास आवेदन को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी है। हालांकि, बर्खास्त किए जाने, इस्तीफे या सेवा से हटाए जाने के मामले में एकीकृत पेंशन या सुनिश्चित भुगतान का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। अधिसूचित नियम के तहत अप्रैल, 2025 तक सेवा में मौजूद सरकार और केंद्र सरकार की सेवाओं में इस तारीख को या उसके बाद भर्ती होने वाले कर्मचारी नामांकन कर सकेंगे।
- केंद्र सरकार की तीन पेंशन योजनाएं:
- पुरानी पेंशन प्रणाली (ओपीएस): जनवरी, 2004 से पहले सेवा में आए कर्मियों पर लागू। इसमें कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति वाले महीने में मिले मूल वेतन का 50 फीसदी प्रति माह पेंशन मिलती है।
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस): एक जनवरी, 2004 या उसके बाद सेवा में आए कर्मियों के लिए अनिवार्य। इसमें कर्मचारी मूल वेतन का 10 फीसदी और केंद्र सरकार 14 फीसदी योगदान करते थे। इससे जुड़े धन से सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलती है।
- एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस): एनपीएस के बढ़ते विरोध के कारण केंद्र ने 24 अगस्त, 2024 को यूपीएस को मंजूरी दी थी। यह भी कर्मचारी व केंद्र सरकार के अंशदान से संचालित होगी। इसमें कर्मचारी का योगदान मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 10 फीसदी होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 फीसदी होगा। पेंशन की राशि आखिरी 12 महीने के मूल वेतन का 50 फीसदी होने की गारंटी होगी। एनपीएस व यूपीएस दोनों में अंतिम भुगतान, जमा कोष पर मिले बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है। इस कोष को ज्यादातर सरकारी बॉन्ड में निवेश किया जाता है।
2. वर्ल्ड हैपीनेस डे 2025: वैश्विक और भारतीय खुशहाली रैंकिंग
- रिपोर्ट का सार और भारत की स्थिति: लंदन, प्रेट। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार ‘वर्ल्ड हैपीनेस डे’ 2025 की रिपोर्ट में दानशीलता, दयालुता और मेलजोल से रहने के आधार पर देशों की प्रसन्नता को परखा गया है। भारत ने आठ पायदान ऊपर चढ़कर 118वां स्थान हासिल किया है। हालांकि, पाकिस्तान, नेपाल, और युद्धग्रस्त फलस्तीन व यूक्रेन जैसे देश भारत से आगे हैं। अमेरिका की खुशहाली अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचकर 24वें स्थान पर है। फिनलैंड लगातार आठ सालों से विश्व का सबसे प्रसन्न देश बना हुआ है, जबकि डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन चार सर्वोच्च प्रसन्न देशों में शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल के मुकाबले भारत ने आठ स्थानों की छलांग लगाई। दान के मामले में भारत 57वीं रैंक पर, स्वेच्छा से मदद करने में 76वें, और किसी का बटुआ लौटाने में 115वें (पड़ोसी), 86वें (अजनबी) स्थान पर है।
- शीर्ष और सबसे कम प्रसन्न देशों की सूची:
- पांच सबसे प्रसन्न देश: फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन, इजरायल।
- पांच सबसे अप्रसन्न देश: अफगानिस्तान, सियरा लियोन, लेबनान, जिम्बाब्वे, मलावी।
आश्चर्यजनक रूप से युद्धग्रस्त फलस्तीन (108) और यूक्रेन (111) भारत से आगे हैं। वहीं, श्रीलंका (133) और बांग्लादेश (134) भारत से पीछे हैं। चीन की खुशहाली आठ पायदान घटकर 68वें स्थान पर पहुंच गई।
3. यूजीसी के नए नियम: उच्च शिक्षा और स्वच्छता में सुधार
- बिना मान्यता डिग्री पर सख्ती: नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बिना अनुमति डिग्री कार्यक्रम कराने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने सार्वजनिक सूचना जारी कर कहा कि यदि किसी संस्थान के बिना अनुमति डिग्री प्रोग्राम कराने की जानकारी मिले, तो उसे यूजीसी को सूचित करें। छात्रों और अभिभावकों से दाखिले से पहले संस्थानों की मान्यता जांचने का आग्रह किया गया है। यूजीसी अधिनियम 1956 के तहत मान्यता प्राप्त संस्थान ही डिग्री प्रदान कर सकते हैं। यूजीसी वेबसाइट पर मान्यता प्राप्त और फर्जी संस्थानों की जानकारी उपलब्ध है।
- कैंपस में सैनिटरी सुविधाओं का निर्देश: नई दिल्ली। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को परिसर में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाने का निर्देश दिया है। मासिक धर्म स्वच्छता और महिलाओं के लिए सहायक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। 25 मार्च तक संस्थानों को रिपोर्ट देनी होगी। यूजीसी ने कैंपस में इंसीनरेटर लगाने के भी निर्देश दिए हैं ताकि स्वच्छता को बढ़ावा मिले।
4. बीपीएससी और शिक्षक भर्ती: परीक्षा तिथियां और जांच प्रक्रिया
- बीपीएससी 2025 का परीक्षा कैलेंडर: पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 2025 की सभी भर्तियों का कैलेंडर जारी किया। 70वीं मुख्य परीक्षा 25, 26, 28, 29 और 30 अप्रैल को होगी। अन्य प्रमुख परीक्षाओं की तिथियां भी शामिल हैं। अभ्यर्थी बीपीएससी वेबसाइट (bpsc.bihar.gov.in) पर विवरण देख सकते हैं। शिक्षक भर्ती के चौथे चरण का उल्लेख नहीं है।
- 2006-2015 के नियोजित शिक्षकों की जांच: पटना। 2006 से 2015 के बीच नियोजित शिक्षकों की जांच होगी। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों से इन शिक्षकों का ब्योरा मांगा है। शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच होगी। यह निर्देश पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आया है।
- टीचर वैकेंसी सत्यापन का निर्देश: भागलपुर। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने 25 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 24 घंटे में ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर टीचर वैकेंसी सत्यापित करने का निर्देश दिया। भागलपुर में 223 स्कूलों ने अभी तक रिक्त पद अपडेट नहीं किए हैं।
5. पटना विश्वविद्यालय: शिक्षकों का प्राचार्य पद के लिए चयन
- चयनित शिक्षकों की सूची: पटना। पटना विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों का प्राचार्य पद के लिए चयन हुआ है, जिनमें प्रो. मनोज कुमार, प्रो. श्यामकिशोर, प्रो. मुरारी शरण मांगलिक आदि शामिल हैं। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से भी कई शिक्षकों का चयन हुआ।