पटना, 20 मार्च 2025 – बिहार शिक्षा विभाग ने सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षकों के बड़े पैमाने पर तबादले की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, पहले चरण में लगभग 10,000 शिक्षकों के ट्रांसफर की संभावना है। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी, जिसमें विशेष श्रेणी के शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
पहले चरण में विशेष श्रेणी के शिक्षकों का तबादला
पहले चरण में किडनी, लीवर, हृदय रोग से पीड़ित, दिव्यांग, ऑटिज्म से प्रभावित, विधवा, और परित्यक्ता शिक्षकों को शामिल किया जाएगा। इन शिक्षकों की सूची 21 मार्च को जारी हो सकती है। शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों की सुविधा और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
दूसरा चरण: पति-पत्नी आधारित तबादला
दूसरे चरण में पति-पत्नी के आधार पर तबादले होंगे। सूत्रों के अनुसार, पत्नी शिक्षकों की सूची 21 मार्च को ही जारी हो सकती है, जबकि पति शिक्षकों का तबादला 31 मार्च तक पूरा किया जाएगा। यह कदम शिक्षक दंपतियों को एक ही स्थान पर कार्य करने की सुविधा प्रदान करने के लिए उठाया जा रहा है।
तीसरा चरण: दूरी आधारित तबादला
तीसरे चरण में दूरी के आधार पर तबादले की योजना है। 31 मार्च तक महिला शिक्षकों का दूरी आधारित ट्रांसफर पूरा करने का लक्ष्य है, जबकि अप्रैल में पुरुष शिक्षकों का तबादला इसी आधार पर होगा। यह प्रक्रिया शिक्षकों को उनके निवास स्थान के करीब स्कूलों में तैनाती देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
सक्षमता और बीपीएससी शिक्षकों का तबादला
सक्षमता परीक्षा पास करने वाले और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के जरिए नियुक्त शिक्षकों का तबादला भी एक साथ किया जाएगा। यह प्रक्रिया इसी महीने पूरी होने की संभावना है।
एचएम और एचटी पर फैसला
प्रधानाध्यापक (एचएम) और हेड टीचर (एचटी) के तबादले को लेकर अंतिम निर्णय 25 मार्च तक होने की संभावना है। शिक्षा विभाग इन पदों पर तैनात शिक्षकों के लिए अलग से रणनीति बना रहा है।
TRE 3 और TRE 4 की प्रक्रिया
टीआरई 3 (शिक्षक भर्ती परीक्षा) के तहत चयनित शिक्षकों का स्कूल आवंटन अप्रैल के पहले सप्ताह में होगा। इसके बाद अप्रैल माह में ही टीआरई 3 की जॉइनिंग के बाद प्रशिक्षण की तैयारी शुरू होगी। साथ ही, अप्रैल में टीआरई 4 की प्रक्रिया भी शुरू होने की संभावना है।
शिक्षा विभाग की तैयारियां पूरी
शिक्षा विभाग ने तबादले की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सॉफ्टवेयर आधारित यह प्रक्रिया पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है। सूत्रों का कहना है कि यह कदम शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
निष्कर्ष
बिहार में शिक्षकों के तबादले की यह व्यापक योजना न केवल शिक्षकों की व्यक्तिगत जरूरतों को संबोधित करेगी, बल्कि स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात को भी बेहतर करने में मदद करेगी। अगले कुछ दिनों में स्थिति और स्पष्ट होने की उम्मीद है, क्योंकि विभाग ने समयबद्ध तरीके से इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।