पटना, राज्य ब्यूरो | 18 मार्च 2025
बिहार विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल और चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की स्थिति स्पष्ट की और अहम घोषणाएं कीं। सातवें व आठवें वेतन आयोग से लेकर शिक्षक नियुक्ति, विश्वविद्यालयों में रिक्तियां, शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के उल्लंघन, शिक्षकों के बकाया वेतन और जलापूर्ति योजनाओं तक विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके साथ ही विधानसभा और विधान परिषद में उठे सवालों के जवाब में ठोस कदमों का ऐलान किया गया।
सातवां और आठवां वेतन आयोग: शिक्षकों के लिए कमेटी का इंतजार
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कहा कि सातवें वेतन आयोग के तहत शिक्षकों को ग्रेड पे और लेवल निर्धारण पर वित्त विभाग की सहमति नहीं मिली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आठवें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट कमेटी के गठन के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा और वित्त विभाग को अनुशंसा भेजी जाएगी। विधायक अजय कुमार ने सवाल उठाया था कि राज्य के अन्य सरकारी विभागों और कर्मियों को सातवें वेतन आयोग के तहत ग्रेड पे और लेवल के साथ मूल वेतन मिल रहा है, लेकिन बीपीएससी से चयनित टीआरई-1, टीआरई-2, टीआरई-3 और सक्षमता परीक्षा पास विशिष्ट शिक्षकों को यह लाभ नहीं मिला है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि इन शिक्षकों को नियोजन के तहत अलग व्यवस्था में वेतन दिया जा रहा है। कक्षा 1 से 5 के शिक्षकों को 25,000 रुपये, कक्षा 6 से 8 के लिए 28,000 रुपये, कक्षा 9 से 10 के लिए 31,000 रुपये और कक्षा 11 से 12 के लिए 32,000 रुपये मूल वेतन दिया जा रहा है, जो सातवें वेतन आयोग से अलग है। हालांकि, इन शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ दिया जा रहा है और उनके वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी की गई है।
विश्वविद्यालयों में रिक्तियां: एक माह में जानकारी, जल्द नियुक्ति
शिक्षा मंत्री ने खजौली विधायक अरुण शंकर प्रसाद के सवाल के जवाब में कहा कि विश्वविद्यालयों से शिक्षकेतर कर्मियों की रिक्तियों की सूचना एक माह के भीतर विभाग को मिल जाएगी। इसके बाद कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को नियुक्ति के लिए लिखा जाएगा। विधायक ने बताया कि राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मियों के कुल 16,000 स्वीकृत पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 5,700 कर्मी ही कार्यरत हैं। रिटायरमेंट की तेज गति के कारण रिक्तियां बढ़ रही हैं। मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों ने पहले सूची भेजी थी, लेकिन उसमें त्रुटियां थीं, जिसे अब ठीक करवाया जा रहा है। इसके साथ ही सहायक प्राध्यापकों और शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति जल्द शुरू करने के लिए विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक हो चुकी है। सहायक प्राध्यापकों की भर्ती बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) और शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति एसएससी के जरिए होगी।
आरटीई उल्लंघन: स्कूलों पर कार्रवाई का ऐलान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून का पालन न करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया। दरभंगा ग्रामीण विधायक ललित कुमार यादव ने यह मुद्दा उठाया कि राज्य के निजी स्कूल, जैसे डीपीएस पटना और डीवाई पाटिल इंटरनेशनल स्कूल, कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन नहीं कर रहे हैं। आरटीई के तहत कक्षा 1 में प्रत्येक स्कूल को अलाभकारी और कमजोर वर्ग के 10-10 बच्चों का नामांकन करना अनिवार्य है, लेकिन कई स्कूलों में यह शून्य है। विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें लिखकर दीजिए, जरूरी हुआ तो एक्शन होगा।” उन्होंने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि आरटीई के तहत नामांकन लक्ष्य से कम है। जिन जिलों में नामांकन नहीं हुआ, वहां जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ बच्चे सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में नामांकन ले लेते हैं, जिसके लिए आधार सीडिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है।
शिक्षक नियुक्ति: मई से चौथा चरण, तीसरे चरण का पूरक रिजल्ट नहीं
शिक्षा मंत्री ने विधायक अरुण कुमार के सवाल पर घोषणा की कि बीपीएससी के माध्यम से चौथे चरण (टीआरई-4) की शिक्षक नियुक्ति मई 2025 से शुरू होगी। तीसरे चरण में खाली रह गए पदों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। शिक्षा विभाग अन्य रिक्त पदों की गणना कर रहा है, जिसके बाद पांचवां चरण भी शुरू होगा। हालांकि, तीसरे चरण के पूरक (सप्लीमेंट्री) रिजल्ट पर मंत्री ने स्पष्ट किया कि अभी इस पर कोई विचार नहीं है।
शिक्षकों का बकाया वेतन: सात दिनों में भुगतान
उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने विधान परिषद में घोषणा की कि चार माह से वेतन न मिलने की शिकायत के बाद शिक्षकों को सात दिनों के भीतर वेतन भुगतान कर दिया जाएगा। विधान परिषद में संजीव कुमार सिंह सहित कई सदस्यों ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया कि होली बीतने के बाद भी वेतन नहीं मिला और ईद नजदीक है, जिससे शिक्षकों को आर्थिक परेशानी हो रही है। चौधरी ने बताया कि सेंट्रलाइज्ड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफएमएस) में गड़बड़ी के कारण यह समस्या आई, जिसकी समीक्षा की गई है। भविष्य में ऐसी दिक्कतें न हों, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
हर घर नल का जल: 7166 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘हर घर नल का जल’ योजना के तहत 7166 करोड़ 6 लाख रुपये की जलापूर्ति योजनाओं और भवन संरचनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें 83 करोड़ रुपये की लागत से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मुख्यालय भवन का शिलान्यास भी शामिल है। कार्यक्रम पटना के एक अण्णे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में हुआ, जिसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री नीरज कुमार सिंह मौजूद थे।
नौवीं की परीक्षा 19 से, कॉपियों की जांच आज से
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से कक्षा नौवीं की वार्षिक परीक्षा 19 मार्च से शुरू होगी और 25 मार्च तक चलेगी। परीक्षा दो पालियों में होगी—पहली पाली सुबह 9:30 से 12:45 और दूसरी पाली दोपहर 2 से 5:15 तक। पहले दिन गणित और सामाजिक विज्ञान की परीक्षा होगी। वहीं, पहली से आठवीं कक्षा की कॉपियों की जांच बुधवार से पंचायत स्तर पर शुरू होगी। राज्य के 70 लाख बच्चों की कॉपियों का मूल्यांकन 26 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य है।
विद्यालय समितियों में विधायकों की वापसी, मदरसों के लिए 494 करोड़
शिक्षा मंत्री ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन समितियों में विधायकों और विधान पार्षदों को अध्यक्ष बनाने की व्यवस्था बहाल कर दी गई है। इसके अलावा, मदरसों की आधारभूत संरचना के लिए 494 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया है।
कलाकारों के लिए प्रशिक्षण केंद्र, बीमा-पेंशन पर विचार नहीं
कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री ने भाजपा विधायक विजय कुमार खेमका के सवाल पर बताया कि सभी जिलों में कलाकारों के लिए आम्रपाली प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। चतुर्थ श्रेणी के कलाकारों को चिकित्सा के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, लेकिन बीमा और पेंशन की कोई योजना नहीं है।
निष्कर्ष
विधानसभा और विधान परिषद में मंगलवार को शिक्षा, रोजगार, और बुनियादी ढांचे पर केंद्रित चर्चाएं हुईं। सरकार ने शिक्षकों के वेतन, नियुक्ति, और आरटीई जैसे मुद्दों पर ठोस कदमों का भरोसा दिलाया, जबकि विपक्ष ने लगातार दबाव बनाए रखा। ये घोषणाएं राज्य के विकास और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकती हैं।