1. मान्यता प्राप्त भविष्य निधि से एनपीएस में स्थानांतरण पर अब कर छूट, नई सुविधा शुरू
नई दिल्ली: कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब मान्यता प्राप्त भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड) और सुपरनेशन फंड से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में एकमुश्त धनराशि स्थानांतरण पर कर छूट मिलेगी। वित्त अधिनियम 2016 के तहत आयकर अधिनियम, 1961 की चौथी अनुसूची के भाग A के नियम 8 में खंड (iv) जोड़ा गया है, जिसके तहत यह छूट लागू होगी। साथ ही, आयकर अधिनियम की धारा 10(13) में उप-खंड (v) शामिल किया गया है, जो स्वीकृत सुपरनेशन फंड से एनपीएस खाते में स्थानांतरित राशि को कर मुक्त बनाता है। यह प्रावधान केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित धारा 80CCD के तहत एनपीएस खातों पर लागू है।
शिक्षा और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इस संशोधन के बाद यदि कोई कर्मचारी अपने सुपरनेशन फंड या भविष्य निधि से एनपीएस में धनराशि स्थानांतरित करता है, तो यह राशि उसकी आय के रूप में नहीं गिनी जाएगी और संबंधित मूल्यांकन वर्ष में कर के दायरे से बाहर रहेगी। यह कदम कर्मचारियों को अपने भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए एनपीएस को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाया गया है।
पत्र
2. एनपीएस में फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया: जानें स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
नई दिल्ली: क्या आप अपने मान्यता प्राप्त भविष्य निधि या सुपरनेशन फंड को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में स्थानांतरित करना चाहते हैं? पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने इसके लिए एक आसान प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया को समझने के लिए निम्नलिखित चरणों पर ध्यान दें:
- पहला कदम – सक्रिय एनपीएस खाता: सबसे पहले, आपके पास एक सक्रिय एनपीएस टियर I खाता होना चाहिए। इसे आप अपने नियोक्ता के जरिए (जहां एनपीएस लागू हो) निर्धारित फॉर्म भरकर, या पॉइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) जैसे बैंक/गैर-बैंक संस्थानों के माध्यम से, या एनपीएस ट्रस्ट की वेबसाइट www.npstrust.org.in पर ई-एनपीएस के जरिए ऑनलाइन खोल सकते हैं।
- दूसरा कदम – अनुरोध करना: यदि आप सरकारी या निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं, तो अपने वर्तमान नियोक्ता के माध्यम से मान्यता प्राप्त भविष्य निधि/सुपरनेशन फंड ट्रस्ट को एनपीएस में धनराशि स्थानांतरण का अनुरोध देना होगा।
- तीसरा कदम – फंड ट्रांसफर शुरू करना: ट्रस्ट आपके अनुरोध पर आयकर अधिनियम, 1961 और ट्रस्ट डीड के प्रावधानों के अनुसार स्थानांतरण शुरू करेगा।
- चौथा कदम – चेक/ड्राफ्ट जारी करना:
- सरकारी कर्मचारियों के लिए: चेक/ड्राफ्ट नोडल कार्यालय (PAO या CDDO नाम) <> कर्मचारी का नाम <> PRAN (12 अंकों का नंबर) के नाम से जारी होगा।
- निजी क्षेत्र/सभी नागरिक मॉडल के लिए: चेक/ड्राफ्ट POP (POP का नाम) कलेक्शन अकाउंट-एनपीएस ट्रस्ट <> ग्राहक का नाम <> PRAN (12 अंकों का नंबर) के नाम से होगा।
- पांचवां कदम – सूचना और अपलोड:
- सरकारी कर्मचारी अपने ट्रस्ट से वर्तमान नियोक्ता को पत्र जारी करने का अनुरोध करेंगे, जिसमें यह उल्लेख हो कि राशि एनपीएस टियर I खाते में जमा हो रही है।
- निजी क्षेत्र के कर्मचारी अपने नियोक्ता या पीओपी को ऐसा ही पत्र जारी करने के लिए कहेंगे।
- नियोक्ता/पीओपी इस राशि को बकाया मोड में अपलोड करेगा और टिप्पणी कॉलम में “मान्यता प्राप्त भविष्य निधि/सुपरनेशन फंड से स्थानांतरण” का उल्लेख करेगा।
PFRDA के उप महाप्रबंधक अखिलेश कुमार ने बताया कि यह प्रक्रिया कर्मचारियों के लिए सरल और पारदर्शी बनाई गई है ताकि वे बिना किसी परेशानी के एनपीएस का लाभ उठा सकें।
3. एनपीएस में स्थानांतरण पर कर छूट का पूरा लाभ, लेकिन योगदान पर दावा नहीं
नई दिल्ली: आयकर नियमों में हुए बदलाव के तहत मान्यता प्राप्त भविष्य निधि और सुपरनेशन फंड से एनपीएस में स्थानांतरित राशि को चालू वर्ष की आय नहीं माना जाएगा, जिससे यह कर मुक्त रहेगी। हालांकि, एक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह स्थानांतरित राशि कर्मचारी या नियोक्ता द्वारा चालू वर्ष का योगदान नहीं मानी जाएगी। इसका मतलब है कि ग्राहक इस राशि के लिए आयकर छूट का दावा नहीं कर सकेंगे।
वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रावधान एनपीएस को बढ़ावा देने के लिए है, लेकिन कर्मचारियों को यह समझना चाहिए कि स्थानांतरित राशि केवल उनके पेंशन खाते में सुरक्षित होगी, न कि कर लाभ के लिए उपयोग की जा सकेगी। यह कदम दीर्घकालिक वित्तीय योजना को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
4. और जानना चाहते हैं? PFRDA से करें संपर्क
नई दिल्ली: यदि आपको एनपीएस में फंड स्थानांतरण की प्रक्रिया या कर छूट के बारे में कोई संदेह है, तो आप PFRDA के उप महाप्रबंधक अखिलेश कुमार से संपर्क कर सकते हैं। उनसे ईमेल akhilesh.kumar@pfrda.org.in या टेलीफोन नंबर 011-26543158 पर बात की जा सकती है। PFRDA ने कर्मचारियों से अपील की है कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं और अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एनपीएस को अपनाएं।
अखिलेश कुमार ने कहा, “हमारा लक्ष्य कर्मचारियों को एक ऐसी प्रणाली देना है जो न केवल उनकी बचत को सुरक्षित रखे, बल्कि कर नियमों के तहत उन्हें अधिकतम लाभ भी प्रदान करे।”