1. टीईटी में पिछड़ा वर्ग और महिला अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अंकों में बदलाव
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में पिछड़ा वर्ग, अतिपिछड़ा वर्ग और सामान्य महिला अभ्यर्थी 150 में 82 अंक लाने पर ही उत्तीर्ण माने जाएंगे। पूर्व में इन वर्गों के लिए उत्तीर्ण होने का न्यूनतम अंक 82.5 था, जिसे अब घटा दिया गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया है। विभाग ने कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में एनसीटीई द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आलोक में यह फैसला किया गया है। विभाग ने कहा है कि बिहार में ओबीसी, ईबीसी को 60 की जगह 55 प्रतिशत कोर्ट के आदेश के आलोक में घटाया गया अंक। पहले 82.5 अंक लाने वाले उत्तीर्ण माने जाते थे अंक पर उत्तीर्ण माना जाता है। 150 का 55 प्रतिशत 82.5 होता है। इसलिए 82.5 अंक पर उत्तीर्ण होते थे। पर, न्यायालय के आदेश पर एनसीटीई ने 82.5 की जगह 82 पर ही उत्तीर्ण किये जाने की बात कही है। टीईटी में अन्य कोई बदलाव नहीं किये गए हैं। मालूम हो कि बिहार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी टीईटी में 50 प्रतिशत अंक पर उत्तीर्ण माने जाते हैं। सामान्य के लिए उत्तीर्णता का न्यूनतम अंक 60 प्रतिशत है।
2. सरकारी शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कमेटी का गठन
राज्य के सरकारी स्कूलों में नियोजित तथा इस श्रेणी से विशेष बने शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर होंगी। शिक्षकों को सेवा निरंतरता का लाभ देने के मामले पर भी उचित निर्णय लिए जाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय कमेटी बनेगी। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर समीक्षा कर सरकार इस मामले में उचित निर्णय लेगी। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान परिषद में यह घोषणा की। शिक्षा मंत्री शुक्रवार को विधान परिषद में भाकपा के संजय कुमार सिंह, जदयू के संजीव कुमार सिंह, कांग्रेस के मदन मोहन झा और भाजपा के नवल किशोर यादव एवं 11 सदस्यों की ओर से लाए गए ध्यानाकर्षण का उत्तर दे रहे हैं। नवल किशोर यादव ने शिक्षा मंत्री से पूछा कि कितने दिनों में कमेटी की रिपोर्ट आ जाएगी, सदन को यह बता दें। इस पर हस्तक्षेप करते हुए सभापति अवधेश नारायण सिंह ने आग्रह किया कि कमेटी की रिपोर्ट अप्रैल अंत तक आ जाए। इसके पहले शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के बाद राज्यकर्मी का दर्जा दिया गया है। इनके लिए यह नई सर्विस है। कुल वेतन में इन्हें लाभ मिल रहा है।
3. वित्त रहित शिक्षण संस्थानों के लिए अनुदान जल्द जारी होगा
वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को भाजपा के नवल किशोर यादव और जीवन कुमार के ध्यानाकर्षण के उत्तर में शिक्षा मंत्री ने कहा कि वित्त रहित शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों और कर्मियों के लिए अनुदान की राशि जल्द चली जाएगी। इसके पहले वित्तीय वर्ष 2014 से 2017 तक के अनुदान मद में 1500 करोड़ से अधिक राशि जारी की गई थी। होली के पहले राशि जाने की संभावना है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वित्त रहित शिक्षकों के अनुदान में किसी प्रकार की गड़बड़ी या कमीशनखोरी हो तो बताएं विजिलेंस से जांच कराकर कार्रवाई होगी। इसके पहले भाकपा के संजय कुमार सिंह ने कहा कि वित्त रहित शिक्षकों और कर्मियों का 7-8 वर्षों का अनुदान बकाया है।
4. उर्दू शिक्षकों के कम वेतन की समीक्षा 15 दिनों में होगी
राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी के उर्दू शिक्षकों को कम वेतन मिलने से जुड़े ध्यानाकर्षण के उत्तर में शिक्षा मंत्री ने कहा कि 15 दिनों के अंदर समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद इस पर उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके पहले प्रश्नकर्ता ने कहा कि बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों को 54640 रुपये प्रतिमाह वेतन मिल रहे हैं, जबकि अल्पसंख्यक विद्यालय के शिक्षकों को 27607 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं। राज्यकर्मियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलेगा।
5. 641 अनुदानित माध्यमिक स्कूलों के कोड बहाली के लिए कमेटी गठित
पटना। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि राज्य के 641 अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों के कोड बहाल करने के मामले में उचित निर्णय लेने के लिए शिक्षा विभाग ने एक कमेटी बना दी है। कमेटी की राय के अनुरूप इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। नियम के दायरे में जहां तक संभव होगा उसमें सकारात्मक नजरिये से जरूरी निर्णय लेंगे। शिक्षा मंत्री ने यह बात शुक्रवार को एमएलसी जीवन कुमार एवं अन्य के ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए कही। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों को समुचित मापदंड का पालन करने के लिए पूरा समय दिया गया है। होली आने वाली है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि इस मामले में वे आज ही उच्चाधिकारियों से चर्चा करके उचित कदम उठाएंगे।
6. बीपीएससी तृतीय चरण के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण
पटना। बीपीएससी से तृतीय चरण में नियुक्त शिक्षकों को मुख्यमंत्री नौ मार्च को गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटेंगे। नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में राज्य भर से शिक्षक शामिल होंगे। पटना जिले के 100 शिक्षकों को मुख्यमंत्री मंच से नियुक्ति पत्र देंगे, जिनमें 50 महिला शिक्षक और 50 पुरुष शिक्षक शामिल हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि मंच से सम्मानित होने वाले 100 शिक्षक एक दिन पहले यानी आठ मार्च को पटना आ जाएंगे। इन सभी शिक्षकों को राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीआरटी) में ठहरने की व्यवस्था की गई है। यहीं से ये शिक्षक वाहन से समारोह स्थल पर जाएंगे।
7. विश्वविद्यालयों के वेतन और अन्य मुद्दों पर निर्णय
प्रो नवल किशोर यादव के एक सवाल के संदर्भ में शिक्षा मंत्री ने कहा कि अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा स्थायी करने पर सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। हम लोग सहायक प्राध्यापकों के पद पर नियमित नियुक्ति कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने एक अन्य सवाल पर कहा कि राज्य में केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना के लिए हम लोग जमीन का प्रबंध कर अनापत्ति दे रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने डॉ संजीव कुमार सिंह के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में विषयों के अध्यापकों की कटौती मामले में समीक्षा की जाएगी। संशोधन की जरूरत पड़ी तो किये जाएंगे। विधान परिषद में सभापति अवधेश नारायण सिंह ने शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया कि कई विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों का वेतन महीनों से जारी नहीं किया गया है। इस पर होली से पहले निर्णय होने की संभावना है।