**पटना, – बिहार में लगभग 10 हजार अनुकम्पाधारियों की नियुक्ति होने जा रही है। ये अनुकम्पाधारी वे हैं जो सेवाकाल में मृत सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के आश्रित हैं और नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं।
शिक्षा विभाग की कमेटी ने इन अनुकम्पाधारियों की नियुक्ति के लिए एक ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, और माना जा रहा है कि जल्द ही इस ड्राफ्ट पर मुहर लगाई जाएगी। यह वही कमेटी है जो शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन की नीति भी तय कर रही है। इसके अलावा, यह कमेटी बिहार शिक्षा सेवा (प्रशासन उप संवर्ग) के कैडर का पुनर्गठन और सरकारी स्कूलों की अवकाश तालिका के निर्धारण की नीति भी बना रही है।
वर्तमान में शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव के पास माध्यमिक शिक्षा निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार है। कमेटी के अन्य सदस्यों में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक, प्राथमिक शिक्षा निदेशक और माध्यमिक शिक्षा निदेशक शामिल हैं।
अप्रैल 2023 से सेवाकाल में मृत सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के आश्रितों की अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति बंद है, हालांकि अधिकांश मामले इससे पहले के लम्बित हैं। अप्रैल 2023 से पहले सेवाकाल में मृत शिक्षकों के आश्रितों की अनुकम्पा के आधार पर विद्यालय सहायक और विद्यालय परिचारी के पद पर नियुक्ति का प्रावधान था। इसके लिए 2021 में 1,172 विद्यालय सहायक और 1,129 विद्यालय परिचारी के पद सृजित किए गए थे। इनमें से 50% पदों पर अनुकम्पा के आधार पर नियोजन का प्रावधान था।
इसके बाद, 2023 में बिहार लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा के आधार पर विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति के लिए ‘बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानान्तरण, अनुशासनिक कारवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023’ लागू हुई, जिसने सभी प्रकार की नियुक्तियों पर रोक लगा दी। इससे अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति पर भी रोक लग गई।
अब, शिक्षा विभाग की कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली है, जिसके आधार पर नीतिगत निर्णय लिया जाएगा।